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पड़ाव मिलेगा

जब तक चलेंगी ज़िन्दगी की सांसे, कहीं प्यार कहीं टकराव मिलेगा। कहीं बनेंगे सम्बन्ध अंतर्मन से तो, कहीं आत्मीयता का आभाव मिलेगा। कहीं मिलेगी ज़िन्दगी में प्रशंसा तो, कहीं नाराजगियों का व्यवहार मिलेगा। कहीं मिलेगी सच्चे मन से दुआ तो, कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा। कहीं बनेगें पराए रिश्ते भी अपने तो, कहीं अपनों से ही खिंचाव मिलेगा। कहीं होंगी खुशामदें चेहरे पर तो, कहीं पीठ पर बुराई का घाव मिलेगा। तू चला चल राही अपने कर्म पथ पर, जैसा तेरा भाव वैसा प्रभाव मिलेगा। रख स्वभाव में शुद्धता का 'स्पर्श' तू, अवश्य ज़िन्दगी का पड़ाव मिलेगा।

जिंदगी

जिंदगी में हर कठिनाई को सहना पड़ता है, जिस हाल में हैं उसी हाल में रहना पड़ता है। ये ज़िन्दगी बरसात के पानी की तरह है, जिसे वक्त के बहाव के साथ बहना पड़ता है। चाहें कितने ही बुलंद हो इरादे, एक दिन उन्हें भी डगमगाना पड़ता है। दिल के संमन्दर में जब इश्क उठने लगे, तब शर्म के पल्ले को भी हटाना पड़ता है। चाहें कितनी भी धन दौलत हो पास, एक दिन उसे छोंड़ इस जहां से जाना पड़ता है। कितना भी दिल का कठोर हो इंसा, उसके आसुंओं को आंख से बह जाना पड़ता है। कितना भी ज्ञानी हो कोई आज के जमाने में, उसे भी जीवन पर्यंत सीखना पड़ता है।