ज़माने के लोग



कोई थोड़ी सी हँस कर बात कर ले,
तो औकात दिखा देते हैं लोग।
लड़कियाँ कब तक रहें घर में,
अपने अंदर छिपे शैतान को दिखा देते हैं लोग।
बहुत नाजुक दिल होता है लड़कियों का,
लेकिन उससे भी खेल जाते हैं लोग।
दोस्ती,इज्ज़त,हंसी इतना ही तो चाहिए इन्हें,
इसमें भी दगा दे जाते हैं लोग।
चंद दिनों में दिख जाता है चेहरा असली,
मौका मिलते ही दरिंदगी दिखा देते हैं लोग।
लड़कियों की ज़िंदगी बगीचा समझ,
फूल की तरह तोड़ ले जाते हैं लोग।
बहुत होशियारी से बातों में फसाते हैं,
और सीधे हैवानियत पर आ जाते हैं लोग।
कब तक रहेगा चार दिवारी आशियाना उनका,
बाहर आते ही अपनी जात दिखा जाते हैं लोग।
चाहती हैं चिड़ियों की तरह चहकना,
बन बहेलिया जाल में फंसाते हैं लोग।
चाहती हैं खुले गगन में उड़ना,
लेकिन अरमानों के पंख कतर जाते हैं लोग।
चाहती हैं सूर्य और पूनम सी रौशनी,
और अमावस्या वाली हरकत कर जाते हैं लोग।
कब तक डर कर जियें लड़कियाँ,
क्यों अपनी सोच नही बदल पाते हैं लोग।
केवल सम्मान की इच्छा रखती हैं लड़कियाँ,
वो भी नही दे पाते हैं लोग।

(मान सिंह कश्यप रामपुर उत्तर प्रदेश)

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